जूती पड़ी कभी तो कभी बेलना पड़ा
बीबी के साथ ये भी सितम झेलना पड़ा
माना कि हमनें ख़ूब दबाये हैं हाथ पैर
फिर भी ख़ुदा का शुक्र है कम झेलना पड़ा
*तुम शायद सबकुछ भूल गए जब बात हमारी होती थी.........२* वो चाँद कभी होले - होले आग़ोश में यूँ आ जाता था मैं उसका चेहरा पढ़ता था मैं उसका सर सहल...
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