Saturday 27 January 2018

एक दोस्त की याद में .........😢

सुनो यार तुम क्या थे, क्या हो गए ,
इस कदर क्यों मुझसे, खफा हो गए।

क्या ख़ता हो गयी कुछ तो बोलो ज़रा,
छोड़कर क्यों वफ़ा , बेवफा हो गए ।

पहले ऐसे न थे मान जाते थे तुम,
मुझसे ही क्या कोई  , गिला हो गए ।

माफ् करदे मुझे आजा अब लौटकर,
प्यार का प्यार से सिलसिला हो गए।

तुझको पाने की हसरत फिर दिल मे हुई,
पाया तुझको था मैंने,तुम जुदा हो गए।

फ्रैंक हसरत

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*तुम शायद सबकुछ भूल गए जब बात हमारी होती थी.........२* वो चाँद कभी होले - होले आग़ोश में यूँ आ जाता था मैं उसका चेहरा पढ़ता था मैं उसका सर सहल...