चुभन...........
हृदय में कठिनाइयों का भंडार है ..नही नही ऐसा कैसे हो सकता है ..हृदय तो प्रेम स्नेह का संग्रह है , यद्यपि ये सत्य है तो फिर इंसान चिंतित क्यों होता है आखिर इसकी वजह क्या सो सकती है .......चिंता हर इंसान के जीवन मे सम्भवतः प्रकट होती रहती है क्योंकि हर स्थिति में मानव हृदय परिवर्तित होता रहता है , लेकिन दैनिक ज़ीवन को सुखमय बनाने के लिए परस्पर इंसान को सुखी में रहने का प्रयास करते रहना चाहिए ।
जो व्यक्ति इन सब को समझ लेता है वो असफताओं से कभी भी पीछे नही हटता है ......बल्कि वो अपनी असफ़लतों से ही सफलता की सीढ़ियां चढ़ने के प्रयास करता है और एक दिन बुलन्दियों को पा लेता है ........
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हसरत
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