Wednesday 24 January 2018

पापा रोज़ कहाँ चले जाते हो आप

पापा कहाँ चले जाते हो आप !

सुबह सुबह ही तैयार दिखाई देते हो ,
थकते नही हो, लगातार दिखाई देते हो।
रात में आते हो अंधेरों में उजालों की तरह,
सूरज से भी चमकदार दिखाई देते हो ,
टू
हमसब को खूब हँसाते हो आप
पापा फिर कहाँ चले जाते हो आप !

माँ अगर ग़लती से भी डाँट देती तो आप,
रूठकर उससे,प्यार से करते हम से बात आप
ज़िद हर पूरी कर देते हैं आप हम सब की,
हमारी एक छोटी सी तकलीफ से होते हैं दुखी आप,
क्यों नही रहते हो हमेशा आप साथ,
पाप रोज कहाँ चले जाते हो आप!.......

शेष .......

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