तेरे अहकाम पर खुश हो रहे हैं
सभी आलाम पर खुश हो रहे हैं
मोहब्बत आज भी ज़िंदा है दिल में
हाँ तुम्हारे नाम पर खुश हो रहे हैं
ख़ुदा के नाम को बदनाम करके
उसी इक़दाम पर खुश हो रहे हैं
हक़ीक़त से जो वाकिफ़ ही नहीं हैं
झूठे इनआम पर खुश हो रहे हैं
किया था तूमने जो मिलने का वादा
अभी तक पैग़ाम पर खुश हो रहे हैं
अभी हैं इश्क़ के बाज़ार में हम
अभी नीलाम पर खुश हो रहे हैं
नशा ऐसा है आँखों का नशा कि
सभी इस जाम पर खुश हो रहे हैं
बहार ए सुब्ह से हैं ग़ाफ़िल परिंदे
जो ढ़लती शाम पर खुश हो रहे हैं
सफ़र ये ख़त्म हो जाएगा एक दिन
उसी फ़र्जाम पर खुश हो रहे हैं
ख़ामोशी चीख़ती है इस क़दर कि
हर एक कोहराम पर खुश हो रहे हैं
अग र चे नाकाम ही होना है 'हसरत
मगर हर एक गाम पर खुश हो रहे हैं
#frankhasrat
17/05/21
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