बचना हुआ आसान कोरोनो के कहर से
ऐसी हवा चली है मोहम्मद के शहर से
तेरा इलाज कर नहीं सकता कोई तबीब
तू जी गया है माँ की दुवाओं के असर से
ठहरो,रुको, धीरे चलो,अबशोर न करना
प्यासों को देख कहती समंदर ये लहर से
पत्तों की तरह गिरती लाशों से है सीखा
मरना बहुत आसान है गोली से ज़हर से
ऐसे में फिर से उठना आसान नहीं है
जो शख़्स गिर गया हो अपनी ही नज़र से
लिखी थी तेरी याद में, मैंनें भी इक ग़ज़ल
कह दिया उस्ताद ने, खारिज़ है बहर से
#frankhasrat
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