आप यूं कत्लेआम मत कीजिए
किस्सा ऐसे तमाम मत कीजिए
जो न हासिल हो अच्छे कामों से
आप उसमें तो नाम मत कीजिए
जब ज़रूरत हो याद कर लेना
सुबह, दोपहर, शाम, मत कीजिए
साहेब मज़बूरी में घर से निकला हूँ
आप मेरा चलान मत कीजिए
अब तो सब मर रहे हैं सड़कों पर
अब तो जीना हराम मत कीजिए
अब नहीं सुनना मौत की खबरें
अब कोई भी ऐलान मत कीजिए
सुनिए! एक काम कीजिए साहेब
आप कोई भी काम मत कीजिए
मुल्क़ आज़ाद हो चुका अपना
फिर से इसको गुलाम मत कीजिए
यह सियासत का खेल है इसको
हिन्दू-मुस्लिम बनाम मत कीजिए
हम समझने लगे हैं सब साहब
अब अली और राम मत कीजिए
जान हसरत की फिर भी हाज़िर है
भले दुआ सलाम मत कीजिए
FrankhasraT
29/04/2021
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