इधर की बातें जब उधर हो रही है ,
मोहब्बत की बातें किधर हो रही है ।
तड़पता हुआ दिल सदा दे रहा है ,
इस तरह जिंदगी बसर हो रही है।
जिसे देखिए वो मचल जा रहा है ,
तुम्हारी नज़र अब जिधर हो रही है ।
बिकते यहाँ कौड़ियों में हैं इंसान,
लाखों की क्यों हर खबर हो रही है ।
किया था कभी जिसने तारीफ #हसरत
वो बातें मुसलसल ज़हर हो रही है ।
Masha allah bahut khub hasrat bhai
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