ग़रीब मैं हूँ वफ़ा में उसके
असर नही है दवा में उसके,
चराग बुझने न पाये #हसरत
हो जितनी ताकत हवा में उसके ।
*तुम शायद सबकुछ भूल गए जब बात हमारी होती थी.........२* वो चाँद कभी होले - होले आग़ोश में यूँ आ जाता था मैं उसका चेहरा पढ़ता था मैं उसका सर सहल...
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